Sunday, September 24, 2023

“Chandrababu Naidu Appeals to Supreme Court Over Alleged Corruption Case and Police Custody”

Former Andhra Pradesh Chief Minister Chandrababu Naidu has approached the Supreme Court seeking relief after the Andhra Pradesh High Court dismissed his request and sent him to two days of police custody in an alleged corruption case related to AP Skill Development.

“PM Modi Lays Foundation for Varanasi Cricket Stadium Set to Seat Over 30,000”

Prime Minister Narendra Modi lays the foundation stone of an international cricket stadium in Varanasi, marking a significant step in the development of cricket infrastructure in India. The collaboration between the Uttar Pradesh government and the BCCI aims to create a state-of-the-art facility, set to be completed by December 2025.

“From Dentist to Tarot Reader: A Journey of Healing and Guidance”

In a fascinating journey that spans across two vastly different professions, this story unfolds to reveal the remarkable transformation of a dedicated dentist into a passionate Tarot reader, whose psychic abilities have touched the lives of over 200 clients.

Learn what is infertility, what are the reasons, and how is the treatment for infertility done.

BrandspotLearn what is infertility, what are the reasons, and how is the treatment for infertility done.

जानिए क्या हैं इनफर्टिलिटी, क्या है वजह और किस तरह होता है इनफर्टिलिटी का इलाज..

Learn what is infertility, what are the reasons, and how is the treatment for infertility done.

इनफर्टिलिटी, जिसे आम भाषा में बांझपन कहा जाता है अब एक सामान्य समस्या बन गई है। हमारे आसपास कई ऐसे दंपति हैं जो इस समस्या से जूझ रहे हैं। अभी हाल ही में, एक जोड़ा हमसे मिला जिनकी शादी-शुदा जिंदगी को चार साल हो चुके थे और वह एक साल से माता पिता बनने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। आगे इस बारे में जाने, उससे पहले हम ये जान लेते हैं कि इनफर्टिलिटी आखिर है क्या और इसकी वजह क्या है?

इनफर्टिलिटी क्या है?

आमतौर पर ये देखा जाता है कि अगर शादी के कुछ सालों बाद, दंपति, पेरेंट्स नहीं बन पाते हैं तो इसका दोष महिला को दिया जाने लगता है जो पूरी तरह से सही नहीं है। दरअसल, इनफर्टिलिटी महिला या पुरुष दोनों में से किसी में भी, किसी भी वजह से हो

सकती है। इसे आसान भाषा में ऐसे भी आप समझ सकते हैं कि यदि कोई दंपति एक साल या उससे भी ज्यादा समय तक बच्चा पाने के प्रयास करता रहे, लेकिन हर बार असफल होते रहे तब यह इनफर्टिलिटी यानी बांझपन की स्थिति हो सकती है। ऐसे में, न सिर्फ

महिला को बल्कि पुरुष को भी डॉक्टर्स की सलाह की जरूरत होती है।

इनफर्टिलिटी की वजह क्या है?

इनफर्टिलिटी की वजह कई तरह से सामने आती है, जिन्हें जानने के लिए महिला एवं पुरुष दोनों के कुछ टेस्ट कराये जाते हैं।

महिलाओं के लिए हार्मोनल टेस्ट, हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राफी, ओवेरियन रिजर्व टेस्ट, लैप्रोस्कोपी, ट्रांसजाइनल सोनोग्राफी, अब्ड्रोमिनल अल्ट्रासाउंड, हिस्टेरोस्कोपी, सलाइन सोनोहिस्टेरोग्राम जैसे टेस्ट कराये जाते हैं जबकि पुरुषों के सीमेन एनालिसिस, स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड, ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड, हार्मोनल टेस्ट्स, युरीन टेस्ट, जेनेटिक टेस्ट, टेस्टिक्युलर बायोप्सी जैसे टेस्ट किये जाते हैं।

इनफर्टिलिटी होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे महिलाओं में…

  • फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज होना या किसी तरह की कोई रूकावट होना
  • ?८00/?८०५, 70 जैसी कंडीशन्स का होना
  • ओवुलेशन प्रॉब्लम, हार्मोनल इम्बेलन्स, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर
  • पीरियड्स से जुड़ी प्रॉब्लम, वेट ज्यादा या कम होना, खून की कमी होना
  • सर्विकल एँबनॉर्मलिटीज
  • लाइफस्टाइल से जुड़ी प्रॉब्लम का होना
  • फायब्रॉइड्स या पॉलीप्स, एन्डोमेट्रिओसिस, एग्स का कम होना

पुरुषों में इनफर्टिलिटी होने के कारण

  • लो स्पर्म काउंट, निल शुक्राणू, इन्फेक्शन का होना
  • सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज, रेट्रोग्रेड एज्यक्युलेशन का होना
  • वैरीकोसिल, व्हास डिफ़रेंस ब्लॉकेज
  • मेंटल टेंशन, टेस्टीकलस का ओवर-हीट होना, स्मोकिंग और ड्रिंकिंग का होना

इनफर्टिलिटी का इलाज

आज के समय में, मेडिकल साइंस के पास इनफर्टिलिटी का इलाज शत-प्रतिशत मौजूद है। मेडिकल साइंस ने आईवीएफ जैसी सफल तकनीक देकर आज कई लोगों के घरों को बच्चों से रोशन किया है। हमारे पास इसकी कई सफल कहानियां हैं। हमारे पास पिछले कुछ सालों में हजारों ऐसे दंपति आये हैं जिन्होंने संतान पाने की नाउम्मीदी के बाद, आईवीएफ द्वारा संतान का सुख पाया है।

आईवीएफ संतान प्राप्ति की एक ऐसी तकनीक है जिसमें प्रभावी प्रक्रिया द्वारा अंडे के निषेचन यानी बच्चा कंसीव करने के अवसरों को बढ़ाया जाता है। आईवीएफ सिर्फ एक इलाज नहीं है बल्कि ये इलाज करने की एक श्रृंखला है जिससे गुजर कर ही एक दंपति, माता-पिता बनते हैं। आईवीएफ की श्रृंखला को पूरा करने के लिए 6 से 8 हफ्तों का समय लगता है। जिसकी शुरुआत डॉक्टर के परामर्श के साथ शुरू होती है और भ्रूण के ट्रांसफर किये जाने तक, डॉक्टर की निगरानी में चलती रहती है। इलाज की ये प्रक्रिया सभी के लिए

समान होती है लेकिन आपका शरीर, इलाज के प्रत्येक चरण में किस तरह से प्रतिक्रिया

देता है यह हर बार अलग होता है।

इलाज की शुरुआत का पहला कदम

इलाज की शुरुआत पहले हफ्ते से ही होने लगती है। जब आप डॉक्टर से मिलकर प्रारंभिक परामर्श लेते हैं और खुद को मानसिक रूप से आगे के इलाज के लिए तैयार करते हैं। इस पहले हफ्ते के दौरान, दंपति से उनका चिकित्सा इतिहास जाना जाता है। साथ ही, उनके

मन में उठ रहे तमाम सवालों के जवाब दिए जाते हैं।

इसके बाद, दंपति के लिए क्लिनिकल कोऑर्डिनेटर कंसल्टेशन नियुक्त किये जाते हैं जो उन्हें इलाज की छोटी-से-छोटी जानकारी प्रदान करते हैं। साथ ही, इलाज से जुड़ी प्रक्रियाओं को दैनिक जीवन में कैसे नियमानुसार लाया जाये इसकी सलाह देते हैं। इस दौरान, आईवीएफ के लिए फाइनेंसियल मुश्किलों को आसान करने के लिए परामर्श दिया जाता है, जिसमें बीमा कवरेज जैसे उपायों पर बातचीत की जाती है। यदि ऐसा कोई कवरेज उपलब्ध नहीं होता है तो अन्य विकल्पों पर परामर्श दिया जाता है।

इलाज के दूसरे से चौथे हफ्ते में, पेशेंट को टेस्टों से गुजरा पड़ता है। यह टेस्ट बेहद महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इस दौरान जो टेस्ट किये जाते हैं वही प्रजनन क्षमता की असली तस्वीर को दश्शति हैं। इन टेस्टों में, ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, गर्भाशय मूल्यांकन, संक्रामक रोग से जुड़ी जांच और मेल फर्टिलिटी टेस्ट जैसे टेस्ट शामिल होते हैं। इसके बाद, पीरियड्स को रेगुलर करना और अंडाशय यानी ओवरी को तैयार करना होता है इसके आधार पर ही आगे गर्भ-निरोधक गोलियां लेने की सलाह दी जाती है।

पांचवे हफ्ते में, जब गर्भ-निरोधक गोलियां देना बंद कर दी जाती है तब ८०॥ यानी कंट्रोल ओवेरियन हाइपरस्टिम्यूलेशन की प्रकिया शुरू की जाती है, जिसमें आईवीएफ क्लिनिक में यूटरस और ओवरी की जांच करने केलिए एक अल्ट्रासाउंड किया जाता है। इस अल्ट्रासाउंड में जब स्थिति आईवीएफ के लिए अनुकूल पाई जाती है तब डॉक्टर आईवीएफ का फाइनल इलाज शुरू कर देते हैं।

इलाज का सातवां हफ्ता बेहद महत्वपूर्ण होता है। इसमें ट्रिग्गरिंग, एग रिट्रीवल और फर्टिलाइजेशन प्रोसेस होना शुरू हो जाता है। फर्टिलिटी दवाएं देने के 40 से 42 दिनों के बाद, इस बात कि जांच की जाती है कि फॉलिकल्स एक निश्चित साइज़ में बढ़ गये हैं या नहीं, ताकि उनका उपयोग एचसीजी (हयूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन) के साथ किया जा सके। इस प्रोसेस से एग्स को रिट्रीवल यानी अंडाशय से अंडे को हटाने की प्रकिया को पूरा किया जाता है।

इसके बाद से आईवीएफ इलाज ले रही पेशेंट को लगातार निगरानी में रखा जाता है और भ्रूण के बनने से लेकर उसके ट्रांसफर होने तक डॉक्टर्स गहनता के साथ जांच करते रहते हैं। इसी दौरान, भ्रूण को एक फ्लेक्सिबल प्लास्टिक ट्यूब द्वारा ट्रांसफर करते हुए मोनिटर स्क्रीन पर अल्ट्रासाउंड की तरह देखा भी जा सकता है और इसके साथ ही आईवीएफ का इलाज पूरा होता है लेकिन यहां काम पूरा नहीं होता, बल्कि इसके बाद सतर्कता बरती जाती है ताकि ट्रांसफर किया गया भ्रूण सफलता के साथ बढ़ सके, इसमें मदद के लिए डॉक्टर

प्रजेस्टेरोन पूरक लेने की सलाह देते हैं। यह यूटरस की लाइनिंग को सहारा देने और भ्रूण को बढ़ने में मदद करता है।

इसके बाद, लगभग 44 दिनों के बाद पहला प्रेगनेंसी टेस्ट लिया जाता है। यदि यह सफल होता है तब दूसरे प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए फिर बुलाया जाता है।

पहले टेस्ट के एक हफ्ते के अंदर ही दूसरा प्रेगनेंसी टेस्ट कराया जाता है। यदि यह भी पॉजिटिव होता है तो 2 से ३ हफ्तों के बाद अल्ट्रासाउंड के लिए बुलाया जाता है और उसके बाद आईवीएफ इलाज सफल हो जाता है।

डॉ। अल्का, इस सफल इलाज द्वारा निसंतान दंपतियों को सफलतापूर्वक माता-पिता बनने का सपना दिखा रही है। उन्होंने पिछले 8 सालों से लगातार अपनी 00% पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ निराश दंपतियों के जीवन में आशाएं भरी हैं। उन्होंने अपने सर्वोत्तम इलाज द्वारा पिछले कुछ ही सालों में हजारों मामलों में सफलता हासिल की है। मॉडर्न साइंस और तकनीक की मदद से क्लिनिकल प्रोटोकॉल की बारीकी से निगरानी करते हुए डॉ अल्का, प्रेगनेंसी की संभावनाओं को बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। उनके द्वारा दी जाने वाली सेवाएं और इलाज अपने आप में सर्वोत्तम है जिसकी सफलता की कहानी आज हजारों घरों में कही जा रही है।

अपने 8 वर्षो से अधिक समय के अनुभव के साथ, डॉ अल्का का असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी द्वारा इनफर्टिलिटी के क्षेत्र में सराहनीय प्रदर्शन रहा है। डॉँ। अल्का इंडियन आर्मी से भी जुड़ी रही है, साथ ही उन्होंने यूपी, पंजाब, राजस्थान शहरों में अपना बेस्ट दिया है। उनके पास, मरीजों को जांचने, उनकी शारीरिक क्षमता को देखते हुए इलाज करने और शा रोग से जुड़ी समस्याओं को दूर करने का 22 वर्षों से अधिक समय का गहन अनुभव भी

डॉ। अल्का का मानना है कि यदि इलाज द्वारा परिवारों को बनाया जा सकता है, उन्हें समृद्ध और खुशहाल बनाया जा सकता है तो ऐसा इलाज हर उस दंपति तक पहुंचना

चाहिये जिन्हें इसकी आवश्यकता है। इस प्रबल इच्छा के साथ-साथ उनका लक्ष्य है, इलाज की लागत को कम कर, सफलता की दर को बढ़ाना। अधूरे परिवारों को पूरा करने के अपने इस लक्ष्य को साथ लेकर चल रही डॉ अल्का, उदयपुर के अल्का आईवीएफ श्री कनक अस्पताल में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक उपलब्ध रहती हैं। डॉ। अल्का ने अब तक मात्र 2 वर्षो में उदयपुर अस्पताल में, हजार से ज्यादा दंपतियों का इलाज कर उन्हें सफलतापूर्वक माता-पिता बनाया है।

यदि आप भी इनफर्टिलिटी की समस्या से परेशान हैं और माता-पिता बनने का सपना देख रहे हैं तो हिचकिचाइए नहीं, आज ही अल्का आईवीएफ श्री कनक अस्पताल से संपर्क करें और अपने अधूरे परिवार को इलाज की मदद से पूरा करें। हमसे संपर्क करने के लिए आप यहां दिए गये नंबर्स पर कॉल कर सकते हैं और हमसे व्हाट्सअप द्वारा भी अपॉइंटमेंट ले सकते हैं।

तो देर ना करिये, अपने घर में अपने बच्चे की किलकारियों को सुनने के लिए अल्का आईवीएफ श्री कनक अस्पताल में फोन लगाइए। अगर समस्या है तो उसका समाधान भी सही सुझाव और द्रटमेंट से निकलेगा नया रास्ता

Website: https://www.dralkaivf.com/

Number: +91 9001838800 (9 Am To 5 Pm) +91 9001997440 (9 Am To 5 Pm)

Address: 168, BSNL Road, Near BSNL Office, Sector 3, Hiran Margi, Udaipur Rajasthan 31300

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles