“श्री राम बाल रूप में आए हैं: अल्ट्रा म्यूजिक का नया भजन ‘श्री राम बाल रूप में आए हैं’ गायक आशीष पांडेय आयुष के साथ”
अल्ट्रा म्यूजिक ने नए चैनल ‘अल्ट्रा म्यूजिक जय श्री राम’ के माध्यम से गायक आशीष पांडेय आयुष की सुमधुर आवाज में एक नया श्री राम बाल रूप भजन रिलीज किया है, जिसका नाम है “श्री राम बाल रूप में आए हैं”। इस गाने के गीतकार कुलदीप पांडेय मयंक हैं, जिन्होंने इसमें प्रभु श्री राम के बाल रूप की महिमा को सुन्दरता से व्यक्त किया है। संगीतकार सोनू सागर ने इस गीत को संगीतित किया है और प्रोजेक्ट मैनेजर सुनील पांडेय ने इसे प्रबंधित किया है।
इस भजन में विशेष बात यह है कि प्रभु श्री राम के बाल रूप को अयोध्या मंदिर में स्थापित होने की बात को मजबूती से प्रतिष्ठानित किया गया है। इस गाने के रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर यह वायरल हो गया है और भक्तगण इसे उत्साह से सुन रहे हैं। इस भजन ने चारों तरफ धारावाहिक सामाजिक जीवन में गहरा प्रभाव डाला है और लोग इसे अपने सोशल मीडिया खातों पर साझा कर रहे हैं।
श्री राम बाल रूप में आए हैं गीत की मुख्य विशेषता इसमें एक अद्वितीय और आकर्षक संगीत का समाहार है जिसने लोगों को इसमें खोल कर सुनने के लिए प्रेरित किया है। इस गीत ने आध्यात्मिक भावनाओं को सुरक्षित रखते हुए उन्हें म्यूजिक के माध्यम से समर्पित किया है, जिससे इसकी प्रशंसा में वृद्धि हो रही है।
Youtube Link : https://youtu.be/7YQQ7uWC-74?si=CFTd7fIkWt8ei3ec
सोशल मीडिया पर इस भजन के लिए हुई प्रशंसा स्पष्ट रूप से दिखा रही है कि लोग इसे अपने दिलों से स्वीकार कर रहे हैं और इसे दूसरों के साथ साझा कर रहे हैं। इस गीत ने अपने सुनने वालों में आध्यात्मिक भावनाओं को जागृत करने का कार्य किया है और इसे एक नए स्तर पर उठा दिया है।
इस गीत में विशेष रूप से जय श्री राम के नारे से भरा एक उत्साहपूर्ण अंदाज है, जो सुनने वालों को सनातन धर्म के प्रति गर्व महसूस कराता है। गीत में यह स्पष्ट होता है कि श्री राम के भक्ति और धर्म के प्रति अदम्य आस्था है। इसके बवालपूर्ण ध्वनियों ने श्री राम के नाम को एक ऊँचे स्थान पर स्थापित किया है, जिससे लोग एकता और धार्मिक सहिष्णुता की ओर प्रेरित हो रहे हैं। इस गीत को सुनकर श्री राम व सनातन विरोधी लोगों का भी रुख अखंड सनातन धर्म की ओर देखा जा रहा है। गीत के माध्यम से श्री राम की महत्ता को गाते हुए, यह एक आध्यात्मिक अनुभव का सार है जो सुनने वालों को मानवता के मूल्यों की पुनर्निर्माण की दिशा में प्रेरित करता है।